
चांद धरती से कितना दूर है (Distance between earth to moon) क्या आप जानतें है ? अगर आप नही जानतें है तो परेशान होने की जरुरत नही है। इस आर्टिकल में हमने बताया है कि-
- क्या चांद पर पहुच सकते है? Can we reach the moon?
- अगर पहुचेंगे तो कितना वक्त लगेगा ?
- कैसे चांद तक पहुंच जाएगा ?
- मिशन चांद क्या था ?
- धरती से चाँद की दूरी ?
- चंद्रमा को पृथ्वी का चक्कर लगाने में कितना समय लगता है ?
इस तरह के सवालों का जवाब इस पोस्ट में दिया गया है। आज के इस आधुनिक युग में यह सब महज कोरी कल्पना ही नही रह गई है। कि क्या चांद पर पहुच सकते है, कितना वक्त लगेगा, क्या चांद पर जीवन मुमकिन है, आधुनिकता के इस दौर में विज्ञान नें इन सब सवाल के जवाब को ढूंढ निकाला है और नामुमकिन लगने वाले कार्य को मुमकिन करके दिखा दिया है।
विज्ञान के इस दौर में कोई भी चीज नामुमकिन जैसी नही रही है। अब मनुष्य चांद पर जा भी सकता है। उसकी दूरी पृथ्वी से कितनी है ये भी पता लगा सकता है। चांद पर वातावरण, जलवायु कैसी है औऱ वहां क्या क्या मौजूद इसका भी पता लगा लिया है औऱ लगा रहा है। चांद को लेकर अभी भी कई सारी रिसर्च चल रही है। आज इस लेख की मदद से हम आपको इन सब सवालों का जवाब देने जा रहे है। तो आइए चांद और पृथ्वी से जुड़ें कुछ रोचक बातें आपको बताते है।
मिशन चांद Mission Chand (Moon)
विज्ञान के इस युग में चांद Chand भी अब मनुष्य की पहुच से दूर नही है। और चांद chandrma पर पहुचना मनुष्य के लिए अब केवल एक कल्पना नही है। बल्कि मनुष्य ये कर दिखाया है कि चांद पर भी पहुंचा जा सकता है। चांद को देखने औऱ समझने के मिशन की शुरुआत 1959 में शुरू हो गई थी। शुरु में ये मिशन नामुमकिन सा लग रहा था औऱ केवल इंसान की कोरी कल्पना प्रतीत हो रहा था.. पर विज्ञान के इस दौर में वैज्ञानिकों की मदद से इंसान इस असंभव से लगने वाले मिशन को संभव करके दिखाया। अब इंसान की पहुच चांद तक हो चूकी है। चांद से लेकर पृथ्वी तक कितनी दूरी है। इसका एक सटीक विश्लेषण अभी तक नही किया जा सका है। लेकिन करीब-करीब दूरी का अनुमान लगाया जा चुका है।
धरती से चाँद की दूरी- Chand se Dharti ki Duri
शोधकर्ताओं Researchers औऱ अंतरिक्ष वैज्ञानिक space scientist की मानें तो अभी तक चांद से धरती की दूरी Chand se Dharti ki duri को लेकर एक दम सटीक आकलन नही किया जा सका है। लेकिन अनुमान के मुताबिक पृथ्वी औऱ चांद के बीच दूरी करीब तीन लाख, चौरासी हजार, तीन सौ तीन किलोमीटर (384,403KM) है। अभी तक सटीक आकलन इस वजह से नही किया जा सका है क्योंकि चांद औऱ धरती के बीच दूरी हमेशा समान नही रहती है। इसकी वजह ये है कि चांद हमेशा पृथ्वी के चारों ओर घूमता रहता है। यही वजह है कि पृथ्वी पर रात और दिन होता है। चंद्रमा सौरमंडल का पांचवा सबसे बड़ा प्राकृतिक उपग्रह और पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह है।
चंद्रमा का साइज – Size of Moon
चंद्रमा के आकार की बात करें तो वैज्ञानिकों के मुताबिक चंद्रमा का आकार बॅाल की तरह गोल है। सूर्य की मदद से प्रकाशित होकर चंद्रमा चमकता है। चंद्रमा का जो हिस्सा सूरज के सामने आता है. वो चमकता हुआ नजर आता है। बाकी हिस्से में अंधेरा नजर आता है। क्योकि चंद्रमा खुद से प्रकाशित नही होता है। चंद्रमा के आकार Size of moon की बात करे तो चंद्रमा का तल क्षेत्रफल तीन हजार, सात सौ तिरानवे किमी स्क्वायर (3.793KM स्क्वायर) है। चंद्रमा की परिधि दस हजार नौ सौ इक्कीस किलोमीटर (10.921 KM) , आयतन 2.1958 किमी क्यूब है और द्रव्यमान 703477 किलोग्राम है।
चंद्रमा को पृथ्वी का चक्कर लगाने में कितना समय लगता है ?
Chandrama ko prithvi ka chakkar lagane mein kitna samay lagta hai. How long time take moon to orbit the earth.
चंद्रमा लगातार पृथ्वी का चक्कर लगाता रहता है। जिस वजह से पृथ्वी पर दिन और रात होती है। चंद्रमा एक निश्चित गति से लगातार चलता रहता है। और पृथ्वी के चारों तरफ चक्कर लगाता है। चंद्रमा को पृथ्वी का एक पूरा चक्कर लगाने में 27 दिन 7 घंटे 43 मिनट्स और 11.5 सेकेंड का वक्त लगता है। इतने समय में चंद्रमा पृथ्वी का एक चक्कर लगाता है। वही अगर चंद्रमा की अक्षीय धुरी का चक्कर लगाने की बात करें तो इसको पूरा करने में चंद्रमा को 29 दिन 12 घंटे 44 मिनट और 2.9 सेकंड का वक्त लगता है।
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चंद्रमा पर पहुँचने वाला पहला मनुष्य-
वैसे शायद इस सवाल का जवाब आपको पता हो. चंद्रमा पर सबसे पहले पहुंचने वाले और पहला कदम रखने वाले शख्स का नाम नील आर्मस्ट्रांग है. नील ने 21 जुलाई 1969 को सबसे चंद्रमा पर अपना कदम रखा था. जिसके बाद अभी तक कई लोग चंद्रमा पर जा चूके है।
सवाल- जवाब-
Question Answer
हमको पता है कि अभी भी आपके मन में चंद्रमा और पृथ्वी को लेकर कई सारे सवाल होंगे। जिसके लिए हम कुछ सवालों के जवाब देने जा रहे है। अगर इन सवालो के अलावा भी आपके मन में कोई सवाल है तो आप नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते है। हम उसका भी जवाब आपको मेल के माध्यम से देंगे।
- सवाल– चांद का सबसे ऊंचा पर्वत कौन सा है।
- उत्तर— हाइजन नाम का पर्वत चांद का सबसे ऊंचा पर्वत है। इस पर्वत की ऊंचाई चार हजार सात सौ मीटर है
- सवाल– चांद का आधा ही क्यों हमको नजर आता है।
- उत्तरः– चांद हमें आधा इस लिए नजर आता है क्योकि जितना वक्त चंद्रमा पृथ्वी के अक्ष पर घूमने में लेता है। करीब उतना ही वक्त खुद के अक्ष पर भी घूमने में लेता है। इस वजह से हमें ये आधा ही नजर आता है।
- सवाल– चंद्रमा कैसे प्रकाशित होता है।
- उत्तरः– सूर्य की मदद से प्रकाशित होकर चंद्रमा चमकता है। चंद्रमा का जो हिस्सा सूरज के सामने आता है. वो चमकता हुआ नजर आता है। बाकी हिस्से में अंधेरा नजर आता है। क्योकि चंद्रमा खुद से प्रकाशित नही होता है।
- सवाल– क्या चांद पर पानी है।
- उत्तरः– चंद्रमा की सतह पर बर्फ के रुप में पानी उपलब्ध है। यह पानी चांद की सतह के उस क्षेत्रफल में मौजूद है जहां पर अंधेरा रहता है।
- सवाल – चांद का पहला नक्शा किसने बनाया।
- उत्तर – चांद का पहला नक्शा थॉमस हैरियट ने बनाया था। ये दूरबीन से देखने पर चांद जैसा नजर आता है. वैसा ये नक्शा है।
- सवाल – चंद्रमा पर अब तक कितने लोग गए है।
- उत्तरः– चंद्रमा पर अब तक कुल 12 लोग गए है।
- सवाल – क्या चांद पर जीवन संभव है.
- उत्तर – नही, क्योंकि अभी चांद पर कोई वातावरण नही है। जल, हवा या मानव जीवन के आवश्यक मूलभूत चीजें भी चांद पर उपलब्ध नही है।
- सवाल– चंद्रमा का तापमान कितना है।
- उत्तर – चांद पर दिन में सबसे अधिक तापमान 127 डिग्री सेल्सियस और रात में 0 से लेकर -193 तक हो जाता है।
इस पोस्ट में हमने आपको चांद औऱ पृथ्वी से जुड़ी कुछ बातें बताई है। अगर आप किसी ओर विषय पर भी जानकारी चाहते है। या इससे जुड़े कोई भी सवाल पूछना चाहते है तो हमें कमेंट कर सकते है।