जयंत चौधरी 30 मई को करेंगे राज्यसभा के लिए नामांकन

लखनऊ:- यूपी में 11 राज्यसभा सीटों के लिए नामांकन चल रहा है। जिसमें बीजेपी के 8 और सपा के 3 प्रत्याशियों का जीतना तय माना जा रहा है। समाजवादी पार्टी की तरफ से राज्यसभा के लिए प्रत्याशी के तौर पर जावेद अली नामांकन कर चूके है। कांग्रेस छोड़कर आए कपिल सिब्बल ने निर्दलीय नामांकन दाखिल किया है। जिनको सपा अपना समर्थन दे रही है। कपिल सिब्बल ने अखिलेश यादव, प्रोफेसर रामगोपाल और अन्य सपा नेताओं की मौजूदगी में अपना नामांकन दाखिल कर चूके है। सपा की तरफ से तीसरे प्रत्याशी के नाम को लेकर चल रही अटकलों को विराम लग गया है। समाजवादी पार्टी ने आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी को प्रत्याशी घोषित किया है। जयंत चौधरी समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल गठबंधन के उम्मीदवार होंगे और 30 मई को अपना नामांकन दाखिल करेंगे।

डिंपल यादव के नाम की अटकलें थमी-

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की पत्नी और कन्नौज की पूर्व सांसद डिंपल यादव को आगामी राज्यसभा चुनाव 2022 के लिए उत्तर प्रदेश से समाजवादी पार्टी की तरफ से नामित किए जाने की कयास लगाए जा रहे थे, जिन पर अब विराम लग गया है। समाजवादी पार्टी की तरफ से अब तीसरे प्रत्याशी के तौर पर जयंत चौधरी के नाम पर मुहर लग गई है। इससे पहले कहा जा रहा था कि कपिल सिब्बल के साथ डिंपल यादव राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करेंगी।

लोकसभा का चुनाव लड़ सकती है डिंपल-

आजमगढ़ और रामपुर में होने वाले लोकसभा के उपचुनाव में माना जा रहा है कि आजमगढ़ से सपा की प्रत्याशी के तौर पर डिंपल यादव चुनाव लड़ सकती है। आजमगढ़ समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है। 2019 के लोकसभा चुनाव ने इस सीट से अखिलेश यादव ने चुनाव जीता था। पर 2022 के  विधानसभा चुनाव में करहल सीट से चुनाव जीतने के बाद अखिलेश ने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया। इसी तरह से रामपुर से आजम खान सांसद थे, लेकिन विधानसभा का चुनाव जीतने के बाद उन्होंने ने भी सांसद पद से इस्तीफा दे दिया। अब इन दोनों सीट पर 23 जून को उपचुनाव होना है। जिसमें माना जा रहा है कि आजमगढ़ से सपा प्रत्याशी के तौर पर डिंपल यादव चुनाव लड़ सकती है।

यूपी की 11 राज्यसभा सीटों के लिए हो रहा है चुनाव-

यूपी में राज्यसभा की 11 सीटें खाली हुई हैं। जिसके लिए नामांकन प्रक्रिया मंगलवार से शुरू हो गई है। राज्य विधानसभा में पार्टियों की ताकत के मुताबिक सत्ताधारी बीजेपी 7 उम्मीदवारों को आसानी से राज्यसभा भेज सकती है। जबकि 125 विधायकों के साथ समाजवादी पार्टी अपने 3 उम्मीदवारों को उच्च सदन भेज सकती है। यूपी विधानसभा में एसपी गठबंधन के 125 विधायक और बीजेपी और उसके सहयोगियों के 273 विधायक हैं। इन दोनों पार्टियों के पास 11वी उम्मीदवार के लिए 14 विधायक होंगे। बीजेपी 14 विधायकों के आधार पर 8वें उम्मीदवार को उतारने की योजना बना रही है। यूपी से राज्यसभा चुनाव में जीत सुनिश्चित करने के लिए 36 मतदाताओं की आवश्यकता है।
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