
लखनऊ :- आज भी UP Vidhan sabha सत्र में दंगल का मौहाल बना रहा जहाँ नेता प्रतिपक्ष पूर्व मुख्यमंत्री Akhilesh Yadav ने सरकार की क़ानून व्यवस्था से लेकर मेडिकल कालेज,मेट्रो अनेकों मुद्दों पर सरकार से सवाल किये तो वहीँ इसके जवाब में सत्ता पक्ष की ओर से जब डिप्टी CM केशव प्रसाद मौर्य सदन में बोले तो नेता प्रतिपक्ष की ओर से अखिलेश यादव बीच में ही केशव प्रसाद से भिड़ गए।
क्या कहा डिप्टी CM केशव प्रसाद मौर्य ने सदन में : UP Vidhan sabha
शुरुआत हुई अखिलेश यादव से जब उन्होंने केशव पर सीधा निशाना साधते हुए कहा की ”जनता ने इनकी गर्मी निकाल दी और
फिर इनकी गर्मी निकली और ये फिर डिप्टी सीएम बन गए। इसके बाद डिप्टी CM केशव प्रसाद मौर्य ने कहा की :-
- अभी नेता प्रतिपक्ष बोल रहे थे,उन्हें दर्द है,2012 में इनकी सरकार के कामो को लेकर ये कहते रह गए,2014 में इनका सूपड़ा साफ हो गया, फिर 2017 में फिर इनका सूपड़ा साफ हो गया।
- आपको रोग लग गया है,इलाज करवाइए,दावे करना बातें करना बहुत आता है,अभी 25 साल नम्बर नही आना है आपका।
- आपके बहुत प्रयासों के बावजूद हम इस तरफ बैठे हैं।
- आप 400 सीटों का दावा करते 100 पर सिमट गए, खुद को सम्भालिये बहुत सारे लोग हमारे सम्पर्क में हैं।
- केशव प्रसाद आपको 25 सालों तक सत्ता में आने नही देगा।
- साइकिल पंचर हो गई है,जनता ने बता दिया है।
- जनता आपको लगातार नकार दिया,घोषणा मंत्री बनने से कोई कार्य नही पूरा हो सकता।
- आपके ट्वीट आते हैं कि यह योजना हमने दी,योजना को पूरा भी करना पड़ता है।
- आप पिछड़ों के हितैषी नही विरोधी हैं।
- आपके साम्राज्य को जनता ने उखाड़ कर फेंक दिया,25 साल तक विपक्ष में बैठने को तैयार रहिये।
- हमने 1 करोड़ 41 लाख लोगों के घरों में बिजली पहुंचाई।
केंद्र की योजनाओं में बैरियर लगाने का काम 2012 से 17 वाली सरकार ने की थी। - 1 करोड़ 67 लाख गरीब महिलाओं को उज्ज्वला योजना का लाभ मिला लेकिन आपको नही पता होगा क्योंकि आपको गरीबो से सम्पर्क नही,आपके गुंडों माफियाओ से सम्बंध है,इसलिए आपको जानकारी ही नही है।
- हमने केवल राष्ट्रवाद,गोरक्षा की लड़ाई लड़ी है,मैं आंदोलनकारी रहा हूँ,आंदोलन करने वालो पर मुकदमे ही जाते हैं,मेरे पिता मुख्यमंत्री नही थे।
- सपा सरकार मे लोकसेवा आयोग भृष्टाचार का समाजवादी आयोग बन गया था।
आज कोई नौजवान योगी सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप नही लग सकता, नकल के खिलाफ अभियान कानून नकल अध्यादेश हमारी कल्याण सिंह सरकार की देन थी, उसे खत्म किया मुलायम यादव सरकार ने। - सपा सरकार में नकल माफियाओ का गैंग काम करता था।
- आज कोई गरीब नौजवान खेत गहने बेंचकर नौकरी के लिए पैसे नही देता।
- कोरोना मे विश्व मे प्रबंधन के रूप में सराहा गया,उत्तरप्रदेश भी उसमे योगी मॉडल बना।
- वैक्सीन बनी तो नेता विपक्ष ने कहा वैक्सीन नही लगवाऊंगा क्योंकि ये बीजेपी की है।
- मुख्यमंत्री जी का स्पष्ट निर्देश है गरीब को नही सताया जाएगा,गुंडे बर्दाश्त नही किये जायेंगे।
- अभी तो बस झांकी है,अभी 5 साल की पिक्चर बाकी है।
- आप वोट बैंक की राजनीति करते हैं,आपको वोटबैंक का भय है ,तभी आप तुष्टिकरण की राजनीति करते हैं।
UP Vidhan sabha में किस बात पर हुई झड़प…
दरअसल सदन में जब डिप्टी CM केशव प्रसाद मौर्य ने नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए बोला की ”लगता है सफई की जमीन बेच कर एक्सप्रेस वे बनाया है।”तभी इसी बात पर नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव भड़क गए और तीखे अंदाज़ में बीच में ही केशव प्रसाद मौर्य से बोल पड़े की ”तुम अपने पिता से पैसा लेकर सड़क बनाते हो।”इसके बाद से सदन का मौहाल गर्म हो गया। जिसके बाद CM योगी को बीच में आना पड़ गया।
क्या कहा CM योगी ने…
नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव और केशव प्रसाद मौर्य के बीच हुई इस तीखी नोकझोंक के बाद सदन का मौहाल बदल गया, जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा की,”एक घण्टे से अधिक पूरा सदन नेता प्रतिपक्ष को पूरी शांति से सुनता रहा,इस सदन में सरकार के उपमुख्यमंत्री बात को रख रहे है तो ये रनिंग कमेंट्री का क्या मतलब”
- एक सम्मानित नेता के प्रति इस तरह की टिप्पणी सही नही है।
- सरकार विकास कार्य करवाती है उसे उस उपलब्धि को कहने में कोई आपत्ति नही होनी चाहिए।
- उपमुख्यमंत्री के प्रति इस तरह की भाषा सदन की गरिमापूर्ण नही होती।
- जिस तरह से आचरण करेंगे इसका जवाब मिलना तय है।
- सहमति असहमति लोकतंत्र की ताकत है और सहमति असहमति हो सकती है लेकिन कोई भी असभ्य भाषा का प्रयोग नही करना चाहिए।
- कोई सदस्य बोल रहा है खासकर उपमुख्यमंत्री बोल रहा है,तो बीच मे रनिंग कमेंट्री करना उचित नही है। यह आचरण सदन की कार्यवाही का हिस्सा नही हो सकता।
- पूरे भाषण को हमने सुना,लेकिन सरकार के वरिष्ठतम नेता के लिए शालीनता का आचरण होना चाहिए।
- नेता प्रतिपक्ष की भी बहुत सारी बातें जिसपर हमको आपत्ति कर सकते हैं,लेकिन इस सदन की गरिमा को हमने बरकरार रखा।
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