
लखनऊ: Priyanka Gandhi आज Lucknow के दौरे पर है। उत्तर प्रदेश विधानसभा 2022 के चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद प्रियंका गांधी पहली बार उत्तर प्रदेश के दौरे पर हैं और एक बार फिर से प्रदेश में कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने के लिए प्रयासरत नजर आ रही है। राजस्थान के उदयपुर में हुए चिंतन शिविर Chintan Shivir के बाद प्रियंका ने यूपी में 2 दिन के चिंतन शिविर का आयोजन किया है। माना जा रहा है कि इस चिंतन दिवस कार्यक्रम में 600 के करीब कांग्रेसी नेता भाग लेंगे।
अब जल्द मिल सकता पार्टी को प्रदेश अध्यक्ष:
2022 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन किया है और यह चुनाव कांग्रेस पार्टी के लिए सबसे करारी हार साबित हुआ है। जबकि यूपी की जिम्मेदारी इस बार प्रियंका गांधी को मिली थी। प्रियंका गांधी ने महिलाओं के मुद्दे को केंद्र में रखकर चुनाव लड़ा था। लेकिन उनका यह मुद्दा पूरी तरह से फेल हो गया। जिसके बाद हार का ठीकरा तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के सर पर डाल दिया गया और उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया। तब से अब तक प्रदेश में कांग्रेस पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष का पद खाली चल रहा है और पार्टी को कई महीनों से प्रदेश अध्यक्ष की तलाश है। यूपी चुनाव में पार्टी के हिस्से में केवल 2 सीटें आई थी। प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू भी अपनी सीट को हार गए थे। अब माना जा रहा है। कि जल्दी पार्टी को नया प्रदेश अध्यक्ष मिलने जा रहा है और प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी जल्दी प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा कर सकती है।
सबसे बड़े सूबे में केवल 1 सांसद और 2 विधायक:
देश के सबसे बड़े प्रदेश में कांग्रेस पार्टी तकरीबन पूरी तरह साफ हो चुकी है। देश के सबसे बड़े सूबे में अब कांग्रेस पार्टी के पास केवल दो विधायक और एक सांसद बचा है। पार्टी के इतिहास में भी ऐसा पहली बार हुआ है जब पार्टी के पास एक भी यूपी विधान परिषद का कोई सदस्य नहीं बचा है।
राहुल प्रियंका के कंधों पर पार्टी को खड़ी करने की जिम्मेदारी।
देश और प्रदेश में लगातार कमजोर होती पार्टी को मजबूत करने के लिए पार्टी प्रयासरत है। यूपी में बात करें तो पिछले कई सालों से लगातार पार्टी का प्रदर्शन हर बार कमजोर होता हुआ ही नजर आया है। यूपी में Congress खड़ा करने की जिम्मेदारी राहुल Rahul Gandhi और प्रियंका Priyanka Gandhi के कंधों पर ही है। अभी दोनों नेताओं के बैकग्राउंड पर बात करे तो यदि नेहरू-गांधी खानदान के अलावा देखेंगे। तो राहुल गांधी के पास अभी तक कोई ऐसी बड़ी उपलब्धि नहीं रही है। राहुल गांधी अपनी खानदानी सीट अमेठी भी गवा चुके हैं। उनके नेतृत्व में लोकसभा चुनाव 2019 में पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा था। वही प्रियंका गांधी वाड्रा के पास रायबरेली में अपनी मां सोनिया गांधी का चुनाव जिताने के अलावा और कोई अनुभव नजर नहीं आता है। 2022 यूपी विधानसभा का चुनाव उनका पहला बड़ा असाइनमेंट था। जिसमें पार्टी ने अब तक का सबसे खराब परफॉर्मेंस किया।
2024 के चुनाव की तैयारी:
पिछले लगातार कई चुनावों में पार्टी को मिल रही करारी हार से सबक लेने का प्रयास इस बार पार्टी आलाकमान की तरफ से किया जा रहा है। पार्टी बीते चुनाव में हार की वजह को तलाशने में लगी हुई है और कमी को दूर करते हुए 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटना शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि 24 की तैयारियों के चलते ही इस बार राज्यसभा के लिए कांग्रेस पार्टी ने यूपी से 2 नामों को भेजा है। जिसमें पहला नाम कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी और दूसरा नाम इमरा इमरान प्रतापगढ़ी का है।