निदेशक सुनील कुमार वर्मा ने सिल्क समग्र योजना के लाभार्थियों के साथ किया समीक्षा

बहराइचः- रेशम विभाग की तरफ से संचालित सिल्क समग्र योजना (Silk Samagra Yojana) को लेकर रेशम विभाग के विशेष सचिव एंव निदेशक सुनील कुमार वर्मा (आईएएस) ने बहराइच के गजपतिपुर औऱ कलपीपारा में बने राजकीय रेशम फार्म का स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान निदेशक सुनील कुमार ने सिल्क समग्र योजना से जुड़े लाभार्थियों एंव स्वंय सहायता समूहों से जुड़े लाभार्थियों के साथ वार्ता कर योजना के बारें में उनकी राय एंव समस्यओं का जानने के साथ समाधान करवाया।

विशेष सचिव एंव निदेशक सुनील कुमार वर्मा (आईएएस) के मुताबिक निरिक्षण के दौरान फार्म में शहतूत plantation की गुणवत्ता अच्छी पाई गई। रेशम चाकी कीट पालन का कार्य भी बेहतर पाया गया। गजपतिपुर फार्म में चाकी भवन के निर्माण की गुणवत्ता सही पाई गई एवं फार्म पर कर्षण कार्य एवं शहतूत नर्सरी की स्थापना का कार्य बेहतर तरीक़े से किया गया है।

कलपी पारा फार्म में रेशम धागे की रीलिंग मशीन लगाकर स्वयं सहायता समूह के माध्यम से रेशम धागे का निर्माण चल रहा है। जिससे समूह की महिलाओं को रोज़गार मिला है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  के निर्देशानुसार रेशम विभाग द्वारा आगामी पाँच सालों में उत्तर प्रदेश में रेशम का उत्पादन 350 मेट्रिक टन से बढ़ाकर 700 मेट्रिक टन करने का लक्ष्य रखा गया है। रेशम के उत्पादन से प्रति एकड़ 1 लाख रुपए प्रति वर्ष कमाए जा सकते हैं। जोकी सामान्य (गेहूं/धान) की फसलों के मुक़ाबले दुगना फ़ायदा है। उत्पादन बढ़ाने हेतु स्वयं सहायता समूहों, FPO एवं NGO को विभाग से जोड़ा जाएगा। इससे न केवल  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के बुनकरों को सस्ता रेशम उपलब्ध होगा, बल्कि भूमिहीन, लघु एवं सीमांत किसानो एवं समूह की महिलाओं को रोज़गार एवं आय वृद्धि का बेहतर अवसर भी मिलेगा।

स्थलीय निरीक्षण एवं विभागीय समीक्षा के दौरान सहायक निदेशक रेशम मिथिलेश कुमार सिंह एवं APM UPPCL दिनेश चौहान एवं अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।

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